Diabetes and coronavirus: आधुनिक समय में अस्त व्यस्थ जीवनशैली की वजह से कई बीमारियों ने हमारी ज़िन्दगी में जगह बना ली है। दिल की बीमारी, हड्डियों में परेशानी और थाइरोइड जैसी समस्याएं अब रोज़ ही सुनने को मिलती हैं। डायबिटीज उनमें से एक है। अध्ययन में पाया गया है कि भारत में डायबिटीज के मरीज़ (diabetes patient in india 2020) बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। और कोरोना काल में डायबिटीज के मरीज़ों की संख्या में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है।
फैक्ट: भारत में हर 11 में से 1 व्यक्ति डायबिटीज़ का शिकार है। विश्वभर में कुल डायबिटीज़ के मरीज़ों में भारत का 16.6% का योगदान है।
रिसर्च रिपोर्ट की माने तो अमेरिका में जिन कोविड पीड़ितों की मौत (diabetes deaths 2020) हुई हैं उनमें से अधिकतर लोग दिल की बीमारी या डायबिटीज के मरीज़ थे। अमेरिका छोड़िए, भारत में भी कोरोना से मरने वालों लोगों में डायबिटीज़ की समस्या पाई गई है।

इसलिए डायबिटिक मरीज़ों को ज़्यादा है ख़तरा
डायबिटीज़ के रोगियों में हर संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे रोगियों में इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं (लिम्फोसाइट्स, न्यूट्रोफिल्स) की कार्य क्षमता कम (diabetes immune deficiency) हो जाती है। इस वजह से शरीर में एंटीबॉडीज कम बनती हैं। बीमारी से लड़ने की ताकत कम होने के कारण ये बाहरी चीजों (वायरस, बैक्टीरिया) को खत्म नहीं कर पाती नतीजा जान का जोखिम बढ़ता जाता है।

एक्सपर्ट्स के अनुसार कोरोना वायरस डायबिटीज से पीड़ित लोगों पर आसानी से इसलिए हमला कर रहा है क्योंकि इन मरीज़ों का इम्यून सिस्टम काफ़ी वीक है। अगर ऐसा कोई व्यक्ति जिसे डायबिटीज है, कोरोना के सम्पर्क में आता है तो काफ़ी तेज़ी से शरीर में फैलता है और हालत गंभीर कर देता है। ऐसे में डायबिटीज के मरीज़ो को कोरोना के दौर में अपना ज़्यादा ख़्याल रखना चाहिए और रोज़ाना सावधानी बरतनी चाहिए। ख़ासतौर पर डायबिटिक मरीज़ों को खाने-पीने का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए। खाने पीने के ध्यान के साथ डायबिटीज के मरीज़ों को नीचे दी गई बातों का भी ध्यान रखना चाहिए
- सबसे महत्वपूर्ण बात, आगे आप डायबिटीज के मरीज़ हैं और आप कोरोना के लक्षण जैसे सर्दी-खांसी, बंद गला, डायरिया, स्वाद और गंध ना समझना आदि) का सामना करें तो बिना किसी देरी के डॉक्टर से सम्पर्क करें।
- तनाव या स्ट्रेस लेने से डायबिटीज लेवल (stress and blood sugar levels) के बढ़ने के चांस बढ़ जाते हैं जिसकी वजह से इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो जाता है और ऐसा होना कोविड-19 के इंफेक्शन को तेज़ी से बुलावा दे सकता है। आपको बता दें कि जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमज़ोर होता है वायरस उनपर तेज़ी अटैक करता है।

- डायबिटीज के मरीज़ को डॉक्टर्स के निर्देशों का पूरी तरीके से पालन करना चाहिए। दवाइयों में (generic medicines for diabetes) ढिलाई नहीं नहीं बरतनी चाहिए।
- ब्लड शुगर लेवल (normal sugar level india) को लगातार नापना चाहिए और बढ़े हुए शुगर लेवल को कंट्रोल करना चाहिए
- नींद का भी डायबिटीज के मरीज़ों महत्वपूर्ण रोल है। डायबिटिक मरीज़ों को ज़रूरत से ज़्यादा शारीरिक
- परिश्रम यानी फिजिकल वर्क नहीं करना चाहिए और 8-10 घण्टे की भरपूर नियमित नींद लेनी चाहिए।
- सीने अगर लगातार दर्द महसूस हो रहा है या घबराहट से आप बार-बार परेशान हो रहे हैं तो ढिलाई ना बरतें, डॉक्टर से फ़ौरन सम्पर्क करें। इसके अलावा होंठो का नीला पड़ना भी अच्छा संकेत नहीं है, ऐसा होने पर भी डॉक्टर से सलाह लें।
- अगर आप डायबिटीज के मरीज़ हैं और आपको कोरोना हो गया है तो संभावना है कि आपका ग्लूकोस का स्तर बढ़ जाए और है शरीर में लिक्विड पदार्थ की जरूरत महसूस हो। ऐसे में अगर आप क्वारंटाइन है तो अपने पास साफ और ताजा पानी जरूर रखें। किसी भी मौसम में रोजाना 8 से 10 गिलास पानी ज़रूर पिएं।
- क्वारंटाइन में रहने के वक़्त शुगर जांचने में ढिलाई ना बरतें। नियमित रूप से शुगर लेवल जांचते रहें।
- सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने और बार-बार हाथ धोने जैसे नियमों में ज़रा भी लापरवाही ना बरतें।
तो इस लेख में आपने जाना कि कैसे कोरोनाकाल डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए घातक साबित हो सकता है। ऐसे में हमारा आपसे अनुरोध है कि अगर आप डायबिटीज़ के मरीज़ हैं तो अपना ध्यान रखें और चेकअप करवाना है या एक्सपर्ट एडवाइस चाहिए तो नीचे दिए गए बुक अपाइंटमेंट के बटन को दबाइए।